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किसी भी संस्थान के पूर्ववर्ती छात्रों की पेशेवर सफलता उस संस्थान से मिलने वाली उपाधि का मोल तय करती है। इसके अलावा दूसरी बातें भी हैं, लेकिन ये उपाधि का मोल तय करने में सबसे अहम यही है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलु ये है कि उपाधि का मोल पूर्ववर्ती और वर्तमान सभी छात्रों की सफलता का आधार तय करता है। समझने की कोशिश करिए। ...जोशारू, हमारे-आपके भविष्य को सीधा प्रभावित कर सकता है...

Friday, September 10, 2010

पत्रकारिता का नया आयाम

पत्रकारिता कोई पेशा नहीं , ये तो एक प्रवृतिहै। इस लिहाज से देखें तो जनसंचार के नए साधन जैसे कि मोबाइल,इंटरनेट एक क्रांति की शुरूआत हैं। भारत में और खास कर हिन्दी पट्टी में मेनस्ट्रीम की पत्रकारिता पर इनका दबाव अब दिखने लगा है। हालांकि संगठित तौर पर इन माध्यमों को भी पेशेवर रूप देने की कोशिश जारी है,लेकिन नेटवर्किंग के ज़रिए इसको लगातार चुनौतियां मिलती रहेंगी। देश में लाखों की संख्या में मौजूद पत्रकार अपनी नौकरी को गुलामी एक नया रूप समझने लगे हैं और उनके विद्रोह का रास्ता अब खुल चुका है। इसके अलावा करोड़ो की संख्या में जो लोग संचार माध्यमों से जुड़ रहे हैं, वो कहीं ना कहीं तथ्यों को सामने लाने में छोटी-छोटी भूमिकाएं भी निभा रहे हैं। कई लोगों ने तो जैसे जेहाद छेड़ दिया है।
इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देनेवाली बात ये है कि इंटरनेट या मोबाइल के जरिए संवाद स्थापित करने वाला व्यक्ति प्रभावोत्पादक (effective) है। वो बेहद निजी पलों में से समय निकालकर, वयक्तिक रूप से शामिल होता है और दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करता है। जाहिर है वो जो कुछ ग्रहण करता है उसपर भी गंभीरता से अमल करने की कोशिश करेगा। यानि यहां संवाददाता और संवाद ग्रहण करने वाला दोनों एक साथ एक ही व्यक्ति में मौजूद होते हैं। हालाकि सूचना देने की प्रवृति अभी उतनी प्रबल नहीं हुई है, लेकिन इसके बीज फूटने लगे हैं।
मुख्तसर ये कि माध्यम की विशिष्टता को छोड़ दें तो पत्रकारिता के मूल सरोकार पर नए मीडिया का गहरा असर पड़ने वाला है। अब ये कितनी जल्दी कितना असर दिखाएगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि आधारभूत संरचना के विकास में कितना वक्त लगता है। निजी भागीदारी और प्रतियोगिता के दौर में इसमें भी उत्साहवर्धक नतीजों की उम्मीद की जा सकती है। तो क्या साल दो हजार बारह-तेरह तक?


मनोज श्रीवास्तव



नोट: लेखक टीवी पत्रकार हैं (मनोज श्रीवास्तव), इन्होने अपने जीवन के दो दशक से भी ज्यादा पत्रकारिता के नाम किया है. ये सहारा समय और न्यूज़ ११ में अपनी लोहा मनवा चुके हैं. और ये इसी विभाग के छात्र भी रह चुके हैं.
पता277, Seemant Vihar,kausambi
Ghaziabad, India 201010
                  लेखक के ब्लॉग :
http://realmanoj.blogspot.com
manojhazaribag@gmail.com
manoj18vastava@rediffmail.com
      

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