प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है और खबरों की खबर रखने वाले मीडिया के कई लोगों ने इस वर्ष खुद भी खबरों में जगह बनाई. विज्ञान पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ भारतीय पत्रकार पल्लव बागला को सैन प्रांसिस्को में 16 दिसंबर को एक भव्य समारोह में प्रतिष्ठित डेविड पर्लमैन अवॉर्डं से नवाजा गया. डेविड पर्लमैन अवॉर्ड फॉर एक्सिलेंस इन साइंस जर्नलिज्म हर साल अमेरिकन जियो पिजीकल यूनियन की ओर से प्रदान किया जाता है. विश्व की सबसे बड़ी समाचार संस्थाओं में से एक सीएनएन ने अपने वार्षिक हीरो ऑप द ईयर पुरस्कार के शीर्ष दस दावेदारों में इस साल एक भारतीय को भी चुना.
भारत के 29 वर्षीय शेप नारायण कृष्णन को सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस पुरस्कार के दावेदार शीर्ष दस नामों में शामिल किया गया. सामान्य आदमी जो विश्व को बदल रहे हैं की भावना के तहत दिए जाने वाले इस पुरस्कार में कृष्णन के चयन का मुख्य कारण उनके द्वारा चलाई जा रही एक गैर लाभकारी संस्था है, जिसके माध्यम से वे बेघर और निस्सहाय लोगों की सेवा करते हैं.
न्यूयार्क में आठ अगस्त को न्यूजवीक के भारतीय मूल के संपादक परीद जकारिया ने यहूदी समूह एंटी डीपेमेशन लीग द्वारा दिया गया अवार्ड, समूह के ग्राउंड जीरो मस्जिद के प्रति विरोध को लेकर लौटाया. इस साल जुलाई में भारत में जम्मू कश्मीर सरकार ने मीडिया के कामकाज पर पाबंदी लगा दी, जिसका दक्षिण एशिया मीडिया आयोग (सापमा) के भारतीय चैप्टर सहित प्रमुख पत्रकार संगठनों ने विरोध किया. मीडिया संबंधी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, बीते बरस में पाकिस्तान में कम से कम 12 पत्रकार मारे गए. श्रीलंका सरकार ने देश की छवि खराब करने के आरोप में 29 जनवरी को स्विट्जरलैंड की एक पत्रकार का वीजा निरस्त कर दिया और उसे 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा.
30 जनवरी को श्रीलंका की पुलिस ने विपक्ष समर्थक अखबार लंका के संपादक को हिरासत में लेने के बाद अखबार के कार्यालय को सील कर दिया. अखबार में सरकार के एक शीर्षस्थ अधिकारी की आलोचना करते हुए खबरें प्रकाशित की गईं थीं. लंका देश की मुख्य विपक्षी पार्टी मार्क्सवादी जेवीपी से संबंधित है. 16 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने मीडिया के खिलाप मानहानि याचिका दायर की. जुमा ने यह मामला मीडिया द्वारा उनकी तुलना कथित रूप से 19वीं सदी के विवादास्पद जुलू योद्धा से किए जाने को लेकर दायर किया. वर्ष 2006 से लेकर अब तक 68 वर्षीय दक्षिण अप्रीकी नेता जुमा मानहानि के मामले में 11 याचिकाएं दायर कर चुके हैं. 2006 में वह उप राष्ट्रपति थे.
अलकायदा की शुरूआत से पहले ओसामा बिन लादेन का साक्षात्कार लेने वाले सऊदी पत्रकार जमाल खासहोग्गी ने 16 मई को अल वतन अखबार के प्रधान संपादक के पद से इस्तीपा दे दिया. खासहोग्गी को अल वतन समाचार पत्र को प्रगतिशील ताकतों का समाचार पत्र बनाने का श्रेय जाता है. जुलाई में ट्विटर पर, दिवंगत शिया मौलवी और हिजबुल्ला नेता मोहम्मद हुसैन पदलल्लाह की तारीफ करना सीएनएन की एक वरिष्ठ संपादक ओक्ताविया नस्र को महंगा पड़ा और आठ जुलाई को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. ओक्ताविया नस्र पश्चिम एशियाई मामलों की वरिष्ठ संपादक थीं. उन्होंने ट्विटर पर हिज्बुल्ला के दिवंगत नेता पदलल्लाह के प्रति अपना सम्मान जाहिर किया था, जिसे अमेरिका ने आतंकी संगठनों की सूची में डाल रखा है.
भारत के 29 वर्षीय शेप नारायण कृष्णन को सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस पुरस्कार के दावेदार शीर्ष दस नामों में शामिल किया गया. सामान्य आदमी जो विश्व को बदल रहे हैं की भावना के तहत दिए जाने वाले इस पुरस्कार में कृष्णन के चयन का मुख्य कारण उनके द्वारा चलाई जा रही एक गैर लाभकारी संस्था है, जिसके माध्यम से वे बेघर और निस्सहाय लोगों की सेवा करते हैं.
न्यूयार्क में आठ अगस्त को न्यूजवीक के भारतीय मूल के संपादक परीद जकारिया ने यहूदी समूह एंटी डीपेमेशन लीग द्वारा दिया गया अवार्ड, समूह के ग्राउंड जीरो मस्जिद के प्रति विरोध को लेकर लौटाया. इस साल जुलाई में भारत में जम्मू कश्मीर सरकार ने मीडिया के कामकाज पर पाबंदी लगा दी, जिसका दक्षिण एशिया मीडिया आयोग (सापमा) के भारतीय चैप्टर सहित प्रमुख पत्रकार संगठनों ने विरोध किया. मीडिया संबंधी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, बीते बरस में पाकिस्तान में कम से कम 12 पत्रकार मारे गए. श्रीलंका सरकार ने देश की छवि खराब करने के आरोप में 29 जनवरी को स्विट्जरलैंड की एक पत्रकार का वीजा निरस्त कर दिया और उसे 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा.
30 जनवरी को श्रीलंका की पुलिस ने विपक्ष समर्थक अखबार लंका के संपादक को हिरासत में लेने के बाद अखबार के कार्यालय को सील कर दिया. अखबार में सरकार के एक शीर्षस्थ अधिकारी की आलोचना करते हुए खबरें प्रकाशित की गईं थीं. लंका देश की मुख्य विपक्षी पार्टी मार्क्सवादी जेवीपी से संबंधित है. 16 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने मीडिया के खिलाप मानहानि याचिका दायर की. जुमा ने यह मामला मीडिया द्वारा उनकी तुलना कथित रूप से 19वीं सदी के विवादास्पद जुलू योद्धा से किए जाने को लेकर दायर किया. वर्ष 2006 से लेकर अब तक 68 वर्षीय दक्षिण अप्रीकी नेता जुमा मानहानि के मामले में 11 याचिकाएं दायर कर चुके हैं. 2006 में वह उप राष्ट्रपति थे.
अलकायदा की शुरूआत से पहले ओसामा बिन लादेन का साक्षात्कार लेने वाले सऊदी पत्रकार जमाल खासहोग्गी ने 16 मई को अल वतन अखबार के प्रधान संपादक के पद से इस्तीपा दे दिया. खासहोग्गी को अल वतन समाचार पत्र को प्रगतिशील ताकतों का समाचार पत्र बनाने का श्रेय जाता है. जुलाई में ट्विटर पर, दिवंगत शिया मौलवी और हिजबुल्ला नेता मोहम्मद हुसैन पदलल्लाह की तारीफ करना सीएनएन की एक वरिष्ठ संपादक ओक्ताविया नस्र को महंगा पड़ा और आठ जुलाई को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. ओक्ताविया नस्र पश्चिम एशियाई मामलों की वरिष्ठ संपादक थीं. उन्होंने ट्विटर पर हिज्बुल्ला के दिवंगत नेता पदलल्लाह के प्रति अपना सम्मान जाहिर किया था, जिसे अमेरिका ने आतंकी संगठनों की सूची में डाल रखा है.
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